राष्ट्रीय टीम की घोषणा के वक्त भी दिल्ली से दूर रहे गडकरी

नई दिल्ली/नागपुर। मंगलवार को भाजपा की नयी टीम घोषित हुई. लेकिन जिस वक्त गडकरी के राष्ट्रीय टीम की घोषणा हो रही थी खुद गडकरी दिल्ली से दूर नागपुर में बैठे हुए थे और एक अखबार का लोकार्पण कर रहे थे. कार्यक्रम में वे पूरे समय मौजूद रहे पेड न्यूज पर अपना प्रवचन करते रहे.
मराठी अखबार दैनिक लोकशाही के लोकार्पण समारोह में उनके अलावा दिल्ली से आये पत्रकार कुलदीप नैयर भी थे जिनके हाथों अखबार का लोकार्पण होना था. अपने अध्यक्षीय संबोधन में नितिन गडकरी ने कहा कि किसी अखबार को सफलता पूर्वक चलाना एक बड़ी चुनौती है। अखबार को एक व्यवसाय की नजर से देखते हुए मीडिया में उसकी गुणवत्ता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोकशाही वार्ता विदर्भ विकास व समाज के शोषित, पीड़ित जनता के लिए कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि अनेक पुराने समाचार पत्रों के रहने के बावजूद एक नया समाचार पत्र शुरु करना बड़ा साहस का काम है और यह साहस प्रबंध संपादक प्रवीण महान ने किया है। इस अखबार के सामने बहुत से आह्वान हैं। इन आह्वानों को लोकशाही वार्ता ने स्वीकारना होगा। 'पेड न्यूज' के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस पर बड़ा हो-हल्ला हो रहा है। पैसे देने वाले हम ही हैं, लेने वाले तैयार हैं और बोलने वाले भी हम ही हैं। ऐसे वक्त नैतिकता को संभालते हुए कौन बोले, कौन करे यह प्रश्र उपस्थित होता है। किंतु जो गलत है, वह गलत ही है। प्रचार-प्रसार माध्यमों की संख्या तो बढ़ रहीं है यह ठीक है, लेकिन गुणवत्ता खत्म होती जा रही है।
एक ओर नागपुर में जहां गडकरी पत्रकारिता को चिड़िया गौरेया की कहानी सुनाकर आग बुझाने की प्रेरणा दे रहे थे वहीं दूसरी ओर दिल्ली में टीम घोषणा के वक्त गडकरी सहित किसी बड़े नेता के कार्यालय में मौजूद न होने के कारण भी भाजपा की भद्द पिटी. टीम घोषणा क्या हुई बस एक प्रेस रिलीज सबको बांट दी गयी. अगर मीडिया में से कोई बात करना चाहता था तो उसके लिए रविशंकर प्रसाद उपस्थित थे जो कि इस नये विस्तार में महासचिव के साथ साथ मुख्य प्रवक्ता बना दिये गये हैं.
मराठी अखबार दैनिक लोकशाही के लोकार्पण समारोह में उनके अलावा दिल्ली से आये पत्रकार कुलदीप नैयर भी थे जिनके हाथों अखबार का लोकार्पण होना था. अपने अध्यक्षीय संबोधन में नितिन गडकरी ने कहा कि किसी अखबार को सफलता पूर्वक चलाना एक बड़ी चुनौती है। अखबार को एक व्यवसाय की नजर से देखते हुए मीडिया में उसकी गुणवत्ता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोकशाही वार्ता विदर्भ विकास व समाज के शोषित, पीड़ित जनता के लिए कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि अनेक पुराने समाचार पत्रों के रहने के बावजूद एक नया समाचार पत्र शुरु करना बड़ा साहस का काम है और यह साहस प्रबंध संपादक प्रवीण महान ने किया है। इस अखबार के सामने बहुत से आह्वान हैं। इन आह्वानों को लोकशाही वार्ता ने स्वीकारना होगा। 'पेड न्यूज' के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस पर बड़ा हो-हल्ला हो रहा है। पैसे देने वाले हम ही हैं, लेने वाले तैयार हैं और बोलने वाले भी हम ही हैं। ऐसे वक्त नैतिकता को संभालते हुए कौन बोले, कौन करे यह प्रश्र उपस्थित होता है। किंतु जो गलत है, वह गलत ही है। प्रचार-प्रसार माध्यमों की संख्या तो बढ़ रहीं है यह ठीक है, लेकिन गुणवत्ता खत्म होती जा रही है।
एक ओर नागपुर में जहां गडकरी पत्रकारिता को चिड़िया गौरेया की कहानी सुनाकर आग बुझाने की प्रेरणा दे रहे थे वहीं दूसरी ओर दिल्ली में टीम घोषणा के वक्त गडकरी सहित किसी बड़े नेता के कार्यालय में मौजूद न होने के कारण भी भाजपा की भद्द पिटी. टीम घोषणा क्या हुई बस एक प्रेस रिलीज सबको बांट दी गयी. अगर मीडिया में से कोई बात करना चाहता था तो उसके लिए रविशंकर प्रसाद उपस्थित थे जो कि इस नये विस्तार में महासचिव के साथ साथ मुख्य प्रवक्ता बना दिये गये हैं.
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