Thursday, March 18, 2010

पांव जो शिखर पर होकर भी होते हैं जमीं पर


नुपुर जोशी


प्रीति जिंटा आजकल सुर्खियों में हैं। महज आईपीएल के कारण ही नहीं, बल्कि अपने एक दोस्त की मदद करने के लिए भी। यह पहली बार नहीं है, जब प्रीति ने एक ऐसी चीज में हस्तक्षेप किया हो, जिसमें उनका गहरा विश्वास है। याद कीजिए, जब उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे और उन्होंने पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। तब मीडिया ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री का एकमात्र ‘पुरुष’ कहा था। लेकिन उन्होंने कभी भी इसके बारे में बात नहीं की, ठीक वैसे ही, जैसे उन्होंने कभी इस बारे में कुछ नहीं बताया वह और उनके मित्र नेस वाडिया आखिरकार अलग क्यों हो गए।
जो लोग प्रीति के करीबी हैं, वे शानदार अमरोही परिवार से उनके सालों पुराने रिश्तों को जानते होंगे। सुविख्यात फिल्म निर्देशक-लेखक कमाल अमरोही के पुत्र 66 वर्षीय शानदार अपनी बहन रुखसार और भतीजे के साथ पुश्तैनी संपत्ति के लिए लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे और प्रीति ने उनकी मदद करने का फैसला लिया। मामला तब बढ़ गया, जब शानदार ने प्रीति को अपना वारिस बताते हुए अपनी दौलत उनके नाम कर दी। उन्होंने कहा प्रीति उनके लिए बेटी की तरह हैं, जबकि उनकी खुद की कोई बेटी नहीं है। हमेशा की तरह प्रीति इस मामले में चुप रहीं और अमरोही परिवार की मदद करना जारी रखा। प्रीति ने कभी भी इंटरव्यू देने में जल्दबाजी नहीं दिखाई है। वो कहती हैं कि बताने के लिए कुछ भी नया नहीं होता। यह सच नहीं है, क्योंकि प्रीति उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से हैं, जो हमेशा किसी न किसी गतिविधि में शामिल रहती हैं। उन्होंने हाल ही में एक फिल्म में अतिथि भूमिका निभाते हुए एक नृत्य किया है। इसी के साथ प्रीति ने महिला सशक्तिकरण पर एक सेमिनार में भी हिस्सा लिया।
प्रीति ने एक बार मुझसे बातचीत करते हुए फिल्मों में अपनी साहसी भूमिकाओं के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि वे ग्लैमर और चकाचौंध के लिए इस शो बिजनेस में नहीं आईं। वे मॉडलिंग की दुनिया में पर्याप्त ग्लैमर हासिल कर चुकी थीं और सच्चाई तो यह है कि वो मॉडलिंग में भी संयोग से ही पहुंची थीं। फिर मणिरत्नम ने उनसे दिल से में एक छोटी सी भूमिका निभाने को कहा। इस भूमिका के लिए प्रीति ने बस ये सोचते हुए हां कह दिया था कि मणिरत्नम उनके बुरे अभिनय से खीझते हुए अंतत: उन्हें बाहर कर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें अब भी नहीं पता कि कुंदन शाह ने उन्हें क्या कहना में क्यों लिया। वह एक मुश्किल रोल था और फिल्म ने बहस की स्थिति पैदा की। इसी दौरान तनुजा चंद्रा ने उन्हें संघर्ष में एक खोजी पत्रकार की भूमिका दी। प्रीति मानती हैं एक महिला और एक पेशेवर अदाकारा के रूप में यह उनके लिए बेहतर अनुभव था। उन्हें रितिक रोशन के साथ तीन फिल्मों मिशन कश्मीर, कोई मिल गया और लक्ष्य करने में बहुत मजा आया और यह इन फिल्मों में भी दिखता भी है। फरहान अख्तर ने जब उन्हें दिल चाहता है ऑफर की थी तो उन्हें समझ नहीं आया था कि तीन दोस्तों की कहानी में वे क्या करेंगी, लेकिन वो फिल्म उनके लिए अब तक का सबसे रोचक अनुभव है।
चूंकि हनी ईरानी ने फिल्म क्या कहना लिखी थी, इसलिए उनकी अरमान के लिए हां कहने में प्रीति ने एक मिनट का समय भी नहीं लिया, जबकि वह एक नकारात्मक भूमिका थी। करन की दोस्ती के चलते कल हो न हो को वे अपने लिए खास मानती हैं। उनके पास इस फिल्म से जुड़ी कई अच्छी यादें हैं। लेकिन अपने कॅरियर का सर्वोच्च शिखर प्रीति यश चोपड़ा की वीर जारा को मानती हैं। उनके मुताबिक ये उनके लिए लाइफटाइम रोल था और इसके बाद काफी दिनों तक वे जहां भी जातीं, उन्हें जारा के नाम से ही पुकारा जाता रहा।

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